स्मरा स्मरा हो दत्तगुरू
स्मरा स्मरा हो दत्तगुरू
दत्तगुरू भवताप हरू
दत्तगुरूचे नाम मधुर हो
गुरूपद पावन स्मरा चतुर हो
दत्तकृपे भवसिंधु तरू
भस्मांकित तनु, कटि पीताम्बर
जटामुकुट शिरी, त्रिशुळ डमरुधर
ध्यान गुरूंचे शुभंकरू
दत्तगुरू स्मरताच धावतो
दत्तगुरू भक्तास पावतो
दत्तगुरूचे चरण धरू
दत्तगुरू भवताप हरू
दत्तगुरूचे नाम मधुर हो
गुरूपद पावन स्मरा चतुर हो
दत्तकृपे भवसिंधु तरू
भस्मांकित तनु, कटि पीताम्बर
जटामुकुट शिरी, त्रिशुळ डमरुधर
ध्यान गुरूंचे शुभंकरू
दत्तगुरू स्मरताच धावतो
दत्तगुरू भक्तास पावतो
दत्तगुरूचे चरण धरू
गीत | - | कवी सुधांशु |
संगीत | - | वसंत आजगांवकर |
स्वर | - | वसंत आजगांवकर |
गीत प्रकार | - | भक्तीगीत |
कटि | - | कंबर. |
भव | - | संसार. |
सिंधु | - | समुद्र. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.