शशिसूर्यप्रभा गगनाची
शशिसूर्यप्रभा गगनाची, ही दासी भूमितलावरिची ॥
मुखभानुवरा भालहिमकरा स्पर्शाया न धजे ही काया ॥
हे चरण मला रविचंद्रकला, सेवा योग्य गमे यांची ॥
मुखभानुवरा भालहिमकरा स्पर्शाया न धजे ही काया ॥
हे चरण मला रविचंद्रकला, सेवा योग्य गमे यांची ॥
गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
संगीत | - | गोविंदराव टेंबे |
स्वर | - | बालगंधर्व |
नाटक | - | मानापमान |
राग | - | मांड, पहाडी |
ताल | - | धुमाळी |
चाल | - | हट छोड सखे |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
भानू | - | सूर्य. |
शशी | - | चंद्र. |
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