राजा शिवछत्रपती
इंद्र जिमि जंभ पर
बाडव सुअंभ पर
रावण सदंभ पर
रघुकुलराज है !
पौन बारिबाह पर
संभु रतिनाह पर
ज्यों सहसबाह पर
राम द्विजराज है !
उदरात माउली
रयतेस साउली
गडकोट राउळी
शिवशंकर हा
मुक्तीची मंत्रणा
युक्तीची यंत्रणा
खल दुष्टदुर्जना
प्रलयंकर हा
संतांस रक्षितो
शत्रू निखंदतो
भावंडभावना
संस्थापितो
ऐसा युगेयुगे
स्मरणीय सर्वदा
माता-पिता-सखा
शिवभूप तो
दावा दृमदंड पर
चीता मृगझुंड पर
भूषन वितुंड पर
जैसे मृगराज है !
तेज तमअंस पर
कन्ह जिमि कंस पर
त्यों मलिच्छ बंस पर
सेर सिवराज है !
जय भवानी, जय शिवाजी !
बाडव सुअंभ पर
रावण सदंभ पर
रघुकुलराज है !
पौन बारिबाह पर
संभु रतिनाह पर
ज्यों सहसबाह पर
राम द्विजराज है !
उदरात माउली
रयतेस साउली
गडकोट राउळी
शिवशंकर हा
मुक्तीची मंत्रणा
युक्तीची यंत्रणा
खल दुष्टदुर्जना
प्रलयंकर हा
संतांस रक्षितो
शत्रू निखंदतो
भावंडभावना
संस्थापितो
ऐसा युगेयुगे
स्मरणीय सर्वदा
माता-पिता-सखा
शिवभूप तो
दावा दृमदंड पर
चीता मृगझुंड पर
भूषन वितुंड पर
जैसे मृगराज है !
तेज तमअंस पर
कन्ह जिमि कंस पर
त्यों मलिच्छ बंस पर
सेर सिवराज है !
जय भवानी, जय शिवाजी !
गीत | - | कवी भूषण, शिरीष गोपाळ देशपांडे |
संगीत | - | अजय-अतुल |
स्वर | - | अजय गोगावले |
गीत प्रकार | - | मालिका गीत, प्रभो शिवाजीराजा, स्फूर्ती गीत |
टीप - • शीर्षक गीत, मालिका- राजा शिवछत्रपती, वाहिनी- स्टार प्रवाह. |
कोट | - | तट, मजबूत भिंत. |
खल | - | अधम, दुष्ट. |
निखंदणे | - | निषेध करणे, निंदा करणे. |
राऊळ | - | देऊळ. |
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