प्रियकर वश मजला
प्रियकर वश मजला; विमल यश हेंचि, गुरुपदा देह चढला ॥
स्त्रीपुरुषा गुरुता वेतां । विरह-कलह मग शांत झाला ॥
स्त्रीपुरुषा गुरुता वेतां । विरह-कलह मग शांत झाला ॥
गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
संगीत | - | मास्टर कृष्णराव |
स्वर | - | बालगंधर्व |
नाटक | - | मेनका |
राग | - | बागेश्री |
ताल | - | त्रिताल |
चाल | - | बन बन बन आये |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
विमल | - | स्वच्छ / निर्मल / पवित्र / पांढरा / सुंदर. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.