कोण अससि तूं नकळे
'कोण अससि तूं?' नकळे मजला
तू गंगेची अथांग शुचिता
की जननीची माया-ममता?
भाविकतेची मंगल गाथा
उदार-चरिता अमर देवता
नवा जन्म तूं मजला दिधला
काय वदूं मी नकळे तुजला
तू गंगेची अथांग शुचिता
की जननीची माया-ममता?
भाविकतेची मंगल गाथा
उदार-चरिता अमर देवता
नवा जन्म तूं मजला दिधला
काय वदूं मी नकळे तुजला
गीत | - | विद्याधर गोखले |
संगीत | - | पं. राम मराठे |
स्वर | - | पं. राम मराठे |
नाटक | - | मंदार-माला |
राग | - | जोगकंस |
ताल | - | त्रिताल |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
शुचि | - | शुद्ध, पवित्र, स्वच्छ. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.