ईश चिंता निवारील सारी
ईश चिंता निवारील सारी ।
भाव निश्चल मनें ठेविं तूं त्यावरी ॥
संकटें शत जरी प्राप्त झालीं ।
सर्व संहारुनी योग्य कालीं ।
करिल कल्याण तो चंद्रमौली ।
पूर्ण विश्वास या विप्रवचनीं धरीं ॥
भाव निश्चल मनें ठेविं तूं त्यावरी ॥
संकटें शत जरी प्राप्त झालीं ।
सर्व संहारुनी योग्य कालीं ।
करिल कल्याण तो चंद्रमौली ।
पूर्ण विश्वास या विप्रवचनीं धरीं ॥
गीत | - | गो. ब. देवल |
संगीत | - | गो. ब. देवल |
स्वर | - | अजितकुमार कडकडे |
नाटक | - | शारदा |
ताल | - | दीपचंदी |
चाल | - | देव विघ्नेश तारी |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
विप्र | - | ब्राह्मण. |
शशीमौळी (चंद्रमौली) | - | शंकर. |
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