धन्य तूंचि कान्ता
धन्य तूंचि कान्ता । गमसी करितां क्षमा कान्ता ॥
नवजन्म घेतां । त्वदीय सहवास । लाभो । दुजी नच वांच्छा ॥
नवजन्म घेतां । त्वदीय सहवास । लाभो । दुजी नच वांच्छा ॥
गीत | - | वसंत शांताराम देसाई |
संगीत | - | मास्टर कृष्णराव |
स्वर | - | गंगाधर लोंढे |
नाटक | - | अमृतसिद्धी |
राग | - | नंद |
ताल | - | झपताल |
चाल | - | धुंडाबान |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
कांता | - | पत्नी. |
त्वदीय | - | तुझे. |
वांच्छा | - | इच्छा. |
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