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बसंत की बहार आयी

बसंत की बहार आयी

तरुवर, बन-बेलरियाँ
फूल रही डालरियाँ
मोर बोले, 'कोयलिया
नूर-बहार छाई'

कलियनसे भंवरा खेले
घुंघटका पट खोले
कली कली मुसकाई
रंग रंग सुख पायी
तरुवर - तरू / झाड.

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