बघुनि वाटे त्या नील
बघुनि वाटे या नील पयोदातें ।
हरिच दुसरा कीं आक्रमी नभातें ।
बलाकांची शंखसी करीं माला ।
तडित्पीताम्बर बांधिला कटिला ॥
हरिच दुसरा कीं आक्रमी नभातें ।
बलाकांची शंखसी करीं माला ।
तडित्पीताम्बर बांधिला कटिला ॥
गीत | - | गो. ब. देवल |
संगीत | - | गो. ब. देवल |
स्वर | - | छोटा गंधर्व |
नाटक | - | मृच्छकटिक |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
कटि | - | कंबर. |
तडित | - | वीज. |
पयोधर | - | मेघ. |
बलाक | - | बगळा. |
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