अजि राधा बाला मीच
अजि राधा बाला मीच गोपाला ॥
आलें चारायाला धेनूंना, मोहिलें कंठ-मधुबलें कृष्णाला ॥
आलें चारायाला धेनूंना, मोहिलें कंठ-मधुबलें कृष्णाला ॥
गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
संगीत | - | भास्करबुवा बखले |
स्वराविष्कार | - | ∙ नीलाक्षी जुवेकर ∙ बालगंधर्व ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
नाटक | - | स्वयंवर |
राग | - | देसकार |
ताल | - | त्रिताल |
चाल | - | अमलारा माता |
गीत प्रकार | - | हे श्यामसुंदर, नाट्यसंगीत |
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