योग्य न प्रेम वर्णना
योग्य न प्रेम वर्णना ।
वाणी, मती-मनसासह, प्रेम-धाम गांठीना ॥
ब्रह्म सत्य मज प्रेमा, बहु रूपा, बहु नामा घेईना ।
समता ती एक एक भगवाना ॥
वाणी, मती-मनसासह, प्रेम-धाम गांठीना ॥
ब्रह्म सत्य मज प्रेमा, बहु रूपा, बहु नामा घेईना ।
समता ती एक एक भगवाना ॥
गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
संगीत | - | मास्टर कृष्णराव |
स्वर | - | बालगंधर्व |
नाटक | - | सावित्री |
राग | - | भीमपलास |
ताल | - | एकताल |
चाल | - | क्या करूं मै |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
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