व्यर्थ मीं जन्मलें थोर
व्यर्थ मीं जन्मलें थोर कुळीं ।
लागला सर्वदा फांस गळीं ॥
नच ठावें स्वातंत्र्य कसें तें ।
बंदित वास मुळीं ॥
लागला सर्वदा फांस गळीं ॥
नच ठावें स्वातंत्र्य कसें तें ।
बंदित वास मुळीं ॥
गीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
संगीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
स्वर | - | हिराबाई बडोदेकर |
नाटक | - | सौभद्र |
चाल | - | शिव शिव फसलो साजणि येउनि |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
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