तिमिरपटल भार विपुल
तिमिरपटलभार विपुल करि वसुधा व्याकुल हा ॥
अरुणोदय कान्त शान्त वांच्छि भुवन आर्त महा ।
अमरविभविं उदयाचलिं त्या विलसे कृष्ण अहा ! ॥
अरुणोदय कान्त शान्त वांच्छि भुवन आर्त महा ।
अमरविभविं उदयाचलिं त्या विलसे कृष्ण अहा ! ॥
गीत | - | वि. सी. गुर्जर |
संगीत | - | मास्टर कृष्णराव |
स्वर | - | बालगंधर्व |
नाटक | - | नंद-कुमार |
राग | - | भीमपलास |
ताल | - | एकताल |
चाल | - | लचक लचक |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
टीप - • गायलेले गेलेले शब्द थोडे वेगळे असले तरी येथे दिलेली शब्दरचना, नाटकाच्या मूळ संहितेत दिल्याप्रमाणे पाठ शुद्ध आहे. |
वांच्छा | - | इच्छा. |
विभव | - | संपत्ती, ऐश्वर्य. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.