तेजोनिधि लोहगोल
तेजोनिधि लोहगोल भास्कर हे गगनराज
दिव्य तुझ्या तेजाने झगमगले भुवन आज
हे दिनमणि व्योमराज
भास्कर हे गगनराज
कोटि कोटि किरण तुझे अनलशरां उधळिती
अमृतकण परि होउन अणुरेणू उजळिती
तेजातच जनन-मरण, तेजातच नविन साज
हे दिनमणि व्योमराज
ज्योतिर्मय मूर्ति तुझी, ग्रहमंडळ दिव्य सभा
दाहक परि संजीवक तरुणारुण किरणप्रभा
होवो जीवनविकास वसुधेची राख लाज
हे दिनमणि व्योमराज
दिव्य तुझ्या तेजाने झगमगले भुवन आज
हे दिनमणि व्योमराज
भास्कर हे गगनराज
कोटि कोटि किरण तुझे अनलशरां उधळिती
अमृतकण परि होउन अणुरेणू उजळिती
तेजातच जनन-मरण, तेजातच नविन साज
हे दिनमणि व्योमराज
ज्योतिर्मय मूर्ति तुझी, ग्रहमंडळ दिव्य सभा
दाहक परि संजीवक तरुणारुण किरणप्रभा
होवो जीवनविकास वसुधेची राख लाज
हे दिनमणि व्योमराज
गीत | - | पुरुषोत्तम दारव्हेकर |
संगीत | - | पं. जितेंद्र अभिषेकी |
स्वर | - | पं. वसंतराव देशपांडे |
नाटक | - | कट्यार काळजात घुसली |
राग | - | ललत पंचम |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
अनल | - | अग्नी. |
अरुण | - | तांबुस / पिंगट / पहाट, पहाटेचा तांबुस प्रकाश / सूर्यसारथी / सूर्य. |
भास्कर | - | सूर्य. |
व्योम | - | आकाश. |
शर | - | बाण. |
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