तनुला जाळी आग भडकली
तनुला जाळी, आग भडकली;
रिपु ठरला जगांत पहिला;
सुखांत सुरसम अरि मम लोळी ॥
'कुरुबल दुर्बल' बोलत अबला;
कौरव आला, दुसरा ठरला,
खरेंचि मरणचि रचिली होळी ॥
रिपु ठरला जगांत पहिला;
सुखांत सुरसम अरि मम लोळी ॥
'कुरुबल दुर्बल' बोलत अबला;
कौरव आला, दुसरा ठरला,
खरेंचि मरणचि रचिली होळी ॥
गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
संगीत | - | भास्करबुवा बखले |
स्वर | - | माधवराव वालावलकर |
नाटक | - | द्रौपदी |
राग | - | पूर्वी |
ताल | - | त्रिवट |
चाल | - | कंगवा बोले |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
अरि | - | शत्रु. |
रिपु | - | शत्रु. |
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