सोनियाचा हरिण सखे
सोनियाचा हरिण सखे पाहिला वनी
झळझळ करी अंग अंग, गेले मन मोहुनी
कांचनाची कांचोळी
हौस मनी हुरहुरली
धाडियले रघुराया आण घालुनी
कळले ना कपट बाई
जवळी येइ, दूर जाई
चाळवीत नेइ गडे नाथा मजपासुनी
फसवी ही मृगमाया
जाणून ये जगमाया
आशेचा बाळपणा तुडवी देव हासुनी
ऐकू ये हाक कुठे
माझा ग धीर सुटे
हा बंधो ! हा सीते ! धाव धाव काननी
झळझळ करी अंग अंग, गेले मन मोहुनी
कांचनाची कांचोळी
हौस मनी हुरहुरली
धाडियले रघुराया आण घालुनी
कळले ना कपट बाई
जवळी येइ, दूर जाई
चाळवीत नेइ गडे नाथा मजपासुनी
फसवी ही मृगमाया
जाणून ये जगमाया
आशेचा बाळपणा तुडवी देव हासुनी
ऐकू ये हाक कुठे
माझा ग धीर सुटे
हा बंधो ! हा सीते ! धाव धाव काननी
गीत | - | राजा बढे |
संगीत | - | डी. पी. कोरगावकर |
स्वर | - | आशा भोसले |
चित्रपट | - | भल्याची दुनिया |
गीत प्रकार | - | चित्रगीत, राम निरंजन |
कांचन | - | सोने. |
काचोळी | - | मागे बंद असलेली चोळी. |
कानन | - | अरण्य, जंगल. |
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