सनातन नाद हा
सनातन नाद हा भगवाना ।
साधुजना पहावें, फुलवित दानत आचरित ज्ञाना ।
नाद-निनादें नारदा वदे । शील घे विषय गाना ॥
साधुजना पहावें, फुलवित दानत आचरित ज्ञाना ।
नाद-निनादें नारदा वदे । शील घे विषय गाना ॥
गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
संगीत | - | मास्टर कृष्णराव |
स्वराविष्कार | - | ∙ मास्टर कृष्णराव ∙ पं. राम मराठे ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
नाटक | - | सावित्री |
राग | - | काफी |
ताल | - | त्रिवट |
चाल | - | लागि उचट |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
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