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सदा कलहाविना

सदा कलहाविना । मना न ये नेम सुनें गमे प्रेम ॥

सुधा सुधाकर मुखावरि रुसे । नदीसि सागर सदा हंसतसे ।
प्रभा रविलागिं हास्यनिधाना ॥