प्रीतीविना सुकुनी जाई
प्रीतीविना सुकुनी जाई राया जीविची उषा
भासे, दूर नसे रे निशा, निमाल्या आशा
गुंफियले ना गंधफुला
कंटका भ्याले, मुकले तुला
कशा पिशापरी घोर दिशा
प्रीतीच्या का मंगल होमी
एक न समिधा वाहिली मी
मूक वीणेपरी माझी दशा
भासे, दूर नसे रे निशा, निमाल्या आशा
गुंफियले ना गंधफुला
कंटका भ्याले, मुकले तुला
कशा पिशापरी घोर दिशा
प्रीतीच्या का मंगल होमी
एक न समिधा वाहिली मी
मूक वीणेपरी माझी दशा
गीत | - | वि. स. खांडेकर |
संगीत | - | सलील चौधरी |
स्वर | - | लता मंगेशकर |
चित्रपट | - | सूनबाई |
गीत प्रकार | - | चित्रगीत |
उषा | - | पहाट. |
कंटक | - | काटा. |
निमणे | - | लय पावणे / मरणे. |
पिसे | - | वेड. |
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