पतितपावना भेट
पतितपावना ! भेट नच पुन्हां ।
जीव आज सुना । माना ॥
निज कन्यका मज मानिलें ।
उतराई कैसें व्हावें । शतजन्म अपुरे माना ॥
जीव आज सुना । माना ॥
निज कन्यका मज मानिलें ।
उतराई कैसें व्हावें । शतजन्म अपुरे माना ॥
गीत | - | वसंत शांताराम देसाई |
संगीत | - | मास्टर कृष्णराव, विनायकबुवा पटवर्धन |
स्वर | - | मास्टर कृष्णराव |
नाटक | - | विधिलिखित |
राग | - | कर्नाटकी तोडी |
ताल | - | त्रिताल |
चाल | - | पतितपावना |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
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