मितभाषिणी तीच
मितभाषिणी तीच कुलकामिनी ।
गृहिणी, रुचिर वच वदुनि भूषवि स्वकुल, कुलाचार राखोनी ॥
केवि मिळे त्यां जनीं मान्यता । अविनय ज्या वरिती वाक्पटुता ।
कुलकलंकिनी ठरती वनिता । मिरविति सदाचार सांडोनी
गृहिणी, रुचिर वच वदुनि भूषवि स्वकुल, कुलाचार राखोनी ॥
केवि मिळे त्यां जनीं मान्यता । अविनय ज्या वरिती वाक्पटुता ।
कुलकलंकिनी ठरती वनिता । मिरविति सदाचार सांडोनी
गीत | - | गोविंदराव टेंबे |
संगीत | - | गोविंदराव टेंबे |
स्वर | - | प्रभुदेव सरदार |
नाटक | - | पट-वर्धन |
राग | - | काफी |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
केविं | - | कशा प्रकारे. |
रुचिर | - | मोहक, सुंदर. |
वनिता | - | स्त्री. |
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