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ललना कुसुमकोमला

ललना कुसुमकोमला । होइ अकारण हृदयीं व्याकुल
साहिल का कधिं ऐशा कृतिला ॥

जन्मजन्मांतरीं धरुनि ही आस अंतरीं ।
जीवन कटु हें मधुर मानिते । मातृहृदया ना तुला ॥