खबरदार जागा जनसागर हो
खबरदार, खबरदार !
जागा जनसागर हो,
खबरदार !
घोषवीत निज विजया
सूर्यबिंब ये उदया
दश दिशा, नव उषा, गगनि रंगल्या कशा
किरणबाण प्राण हरी
अंधकार मरण वरी
लहर लहर अरुणरंग मंगलध्वजा धरी
खबरदार !
मुक्तिमंत्र हृदयि उठे
अंध-रूढि-बंध तुटे
उसळते, उकळते, तरुण रुधिर पेटते
जनमनात आग जळे
दुराचार दूर पळे
प्रलयविलयि हो युगान्त, नूतन प्रभात ये
खबरदार !
जागा जनसागर हो,
खबरदार !
घोषवीत निज विजया
सूर्यबिंब ये उदया
दश दिशा, नव उषा, गगनि रंगल्या कशा
किरणबाण प्राण हरी
अंधकार मरण वरी
लहर लहर अरुणरंग मंगलध्वजा धरी
खबरदार !
मुक्तिमंत्र हृदयि उठे
अंध-रूढि-बंध तुटे
उसळते, उकळते, तरुण रुधिर पेटते
जनमनात आग जळे
दुराचार दूर पळे
प्रलयविलयि हो युगान्त, नूतन प्रभात ये
खबरदार !
गीत | - | वसंत बापट |
संगीत | - | कनू घोष |
स्वर | - | आकाशवाणी गायकवृंद |
गीत प्रकार | - | स्फूर्ती गीत |
अरुण | - | तांबुस / पिंगट / पहाट, पहाटेचा तांबुस प्रकाश / सूर्यसारथी / सूर्य. |
उषा | - | पहाट. |
रुधिर | - | रक्त. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.