A Non-Profit Non-Commercial Public Service Initiative by Alka Vibhas   
काहे दिया परदेस

दारी दुमदुमला चौघडा सनईचा सूर नवा
उत्तरेकडुनी आली मग अलगद थंड हवा

या सयांनो या हळदीने रंगवूया तिजला
सोनेरी क्षण हे घेऊन जाई सासरला

मेरे संग भी बितेंगे पल तेरे सुनहरे
वादा ये रहा मेरा सब घरवालों से तेरे

बाबुल का घर मैं छोड के चली, ओलांडून वेस
काहे दिया परदेस