जायचे इथून दूर
जायचे इथून दूर
काहूर मनी
दाटे नयनांत पूर
जुळलेल्या तारांतून
हो जीवन मधुर गीत
भंगुनिया साज आज
कोसळला सूर सूर
काहूर मनी
दाटे नयनांत पूर
जुळलेल्या तारांतून
हो जीवन मधुर गीत
भंगुनिया साज आज
कोसळला सूर सूर
गीत | - | शान्ता शेळके |
संगीत | - | पं. जितेंद्र अभिषेकी |
स्वर | - | ज्योत्स्ना मोहिले |
नाटक | - | हे बंध रेशमाचे |
राग | - | तोडी |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत, नयनांच्या कोंदणी |
काहूर | - | मनातील गोंधळ, बेचैनी. |
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