हे सागरा नीलांबरा
हे सागरा नीलांबरा
रत्नाकरा सुखकारा ॥
तूची रुद्र तूची भद्र
शिवतांडव तूच आद्य
हे लयभास्करा गंभिरा ॥
रत्नाकरा सुखकारा ॥
तूची रुद्र तूची भद्र
शिवतांडव तूच आद्य
हे लयभास्करा गंभिरा ॥
गीत | - | योगिनी जोगळेकर |
संगीत | - | पं. राम मराठे |
स्वर | - | पं. राम मराठे |
नाटक | - | रंगात रंगला श्रीरंग |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
आद्य | - | आरंभीचा / मूळचा. |
भद्र | - | सुशील / नम्र. |
भास्कर | - | सूर्य. |
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