गजानना श्री गणराया
गजानना श्री गणराया, आधी वंदू तुज मोरया !
मंगलमूर्ती श्री गणराया, आधी वंदू तुज मोरया !
सिंदुरचर्चित धवळे अंग, चंदनउटी खुलवी रंग
बघता मानस होते दंग, जीव जडला चरणी तुझिया
गौरीतनया भालचंद्रा, देवा कृपेच्या तू समुद्रा
वरदविनायक करुणागारा, अवघी विघ्ने नेसी विलया
मंगलमूर्ती श्री गणराया, आधी वंदू तुज मोरया !
सिंदुरचर्चित धवळे अंग, चंदनउटी खुलवी रंग
बघता मानस होते दंग, जीव जडला चरणी तुझिया
गौरीतनया भालचंद्रा, देवा कृपेच्या तू समुद्रा
वरदविनायक करुणागारा, अवघी विघ्ने नेसी विलया
गीत | - | शान्ता शेळके |
संगीत | - | पं. हृदयनाथ मंगेशकर |
स्वर | - | लता मंगेशकर |
गीत प्रकार | - | प्रथम तुला वंदितो, भक्तीगीत |
आगर | - | वसतिस्थान. |
चर्चूणे | - | माखणे. |
तनय | - | पुत्र. (तनया- पुत्री). |
मानस | - | मन / चित्त / मानस सरोवर. |
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