धीर धरी धीर धरी जागृत
धीर धरी धीर धरी जागृत गिरिधारी
तारितसे भाविकांस तोच चक्रधारी
अढळ पदी अंबरात बसविले ध्रुवाला
संकटांत पीताम्बर दिला द्रौपदीला
ऐसा दाता थोर कुंज-वन विहारी
होसी का भयकंपित धरसी का शंका?
गाजतसे वाजतसे तयाचाच डंका-
'जय गोविंद जय मुकुंद जय जय सुखकारी'
तारितसे भाविकांस तोच चक्रधारी
अढळ पदी अंबरात बसविले ध्रुवाला
संकटांत पीताम्बर दिला द्रौपदीला
ऐसा दाता थोर कुंज-वन विहारी
होसी का भयकंपित धरसी का शंका?
गाजतसे वाजतसे तयाचाच डंका-
'जय गोविंद जय मुकुंद जय जय सुखकारी'
गीत | - | विद्याधर गोखले |
संगीत | - | पं. राम मराठे |
स्वर | - | पं. वसंतराव देशपांडे |
नाटक | - | मेघमल्हार |
राग | - | खमाज |
गीत प्रकार | - | हे श्यामसुंदर, नाट्यसंगीत |
कुंजविहारी | - | कृष्णाचे एक नाव. |
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