धांवत येई सख्या
धांवत येई सख्या । यदुराया ।
ना तरी महिमा जाईल विलया ॥
बघ आचरिला । धर्म जगीं मी ।
शिकविलासि जो । तूंचि कासया ॥
जरी शासन मज । लाज तुला ती ।
ब्रीद राखी निज । समयीं अशा या ॥
ना तरी महिमा जाईल विलया ॥
बघ आचरिला । धर्म जगीं मी ।
शिकविलासि जो । तूंचि कासया ॥
जरी शासन मज । लाज तुला ती ।
ब्रीद राखी निज । समयीं अशा या ॥
गीत | - | वसंत शांताराम देसाई |
संगीत | - | मास्टर कृष्णराव |
स्वर | - | बालगंधर्व |
नाटक | - | अमृतसिद्धी |
राग | - | लाहोरची पहाडी |
ताल | - | केरवा |
चाल | - | मोहन करत |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत, हे श्यामसुंदर |
कासया | - | कशासाठी. |
ब्रीद | - | प्रतिज्ञा. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.