देव गडे पति होय
देव गडे पति होय सतीला । अन्य नाहीं गति तियेला ।
भलता मज जगिं देव बाइ, कुठला? ॥
नाथ पुजेला येइ घाला । हृदय फुटत बघ देव वैरि झाला ॥
भलता मज जगिं देव बाइ, कुठला? ॥
नाथ पुजेला येइ घाला । हृदय फुटत बघ देव वैरि झाला ॥
गीत | - | ना. वि. कुलकर्णी, ना. वि. कुलकर्णी |
संगीत | - | मास्टर कृष्णराव, विनायकबुवा पटवर्धन |
स्वर | - | मास्टर दुर्गाराम |
नाटक | - | संत कान्होपात्रा |
राग | - | जंगला |
ताल | - | त्रिवट |
चाल | - | माधवजी उपकार कियोरे |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
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