दयाछाया घे निवारुनीया
दयाछाया घे निवारुनीया, प्रभु मजवरि कोपला ॥
जीवनासि मम आधार गुरु जो । तोहि कसा अजि कोपला ॥
जीवनासि मम आधार गुरु जो । तोहि कसा अजि कोपला ॥
गीत | - | वि. सी. गुर्जर |
संगीत | - | गंधर्व नाटक मंडळी, बाई सुंदराबाई |
स्वराविष्कार | - | ∙ कीर्ती शिलेदार ∙ बालगंधर्व ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
नाटक | - | एकच प्याला |
राग | - | जिल्हा, मांड |
ताल | - | कवाली |
चाल | - | पिया मनसे |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.