बोल होईल फोल अनुभवानें
बोल होईल फोल, अनुभवानें ॥
यदु गेला अजि निज द्वारकेला, करि बंध सिंधु विलोल ॥
यदु गेला अजि निज द्वारकेला, करि बंध सिंधु विलोल ॥
गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
संगीत | - | भास्करबुवा बखले |
स्वर | - | श्रीपादराव नेवरेकर |
नाटक | - | स्वयंवर |
राग | - | पिलू |
ताल | - | पंजाबी |
चाल | - | पीकि बोलीना बोल |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
विलोल | - | चंचल. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.