हरिनामाईना बोले त्याले तोंड म्हनू नही
नही वार्यानं हाललं त्याले पान म्हनू नही
नही ऐके हरिनाम त्याले कान म्हनू नही
पाटा-येहरीवाचून त्याले मया म्हनू नही
नही देवाचं दर्सन त्याले डोया म्हनू नही
निजवते भुक्यापोटी तिले रात म्हनू नही
आखडला दानासाठी त्याले हात म्हनू नही
नही वळखळा कान्हा तिले गाय म्हनू नही
जीले नही फुटे पान्हा तिले माय म्हनू नही
गीत | - | बहिणाबाई चौधरी |
संगीत | - | यशवंत देव |
स्वर | - | उत्तरा केळकर |
गीत प्रकार | - | कविता |
ईना | - | विना, शिवाय. |
उले | - | उलणे / उघडणे / आतल्या जोराने फाटणे. |
चेव | - | त्वेष. |
डोया | - | डोळा. |
बुरी | - | बुरशी. |
बोंड | - | बीजकोश / शेंग. |
मया | - | मळा. |
येहेरी | - | विहीर. |
हाय | - | हाळ, गुरांना पाणी पिण्यासाठी केलेला हौद. |
बिना कपाशीनं उले त्याले बोंड म्हनू नही
हरिनामाईना बोले त्याले तोंड म्हनू नही
नही वार्यानं हाललं त्याले पान म्हनू नही
नही ऐके हरिनाम त्याले कान म्हनू नही
पाटा-येहरीवाचून त्याले मया म्हनू नही
नही देवाचं दर्सन त्याले डोया म्हनू नही
निजवते भुक्यापोटी तिले रात म्हनू नही
आखडला दानासाठी त्याले हात म्हनू नही
ज्याच्यामधी नही पानी त्याले हाय म्हनू नही
धावा ऐकून आडला त्याले पाय म्हनू नही
येहरीतून ये रीती तिले मोट म्हनू नही
केली सोताची भरती त्याले पोट म्हनू नही
नही वळखळा कान्हा तिले गाय म्हनू नही
जीले नही फुटे पान्हा तिले माय म्हनू नही
अरे, वाटच्या दोरीले कधी साप म्हनू नही
इके पोटच्या पोरीले त्याले बाप म्हनू नही
दुधावर आली बुरी तिले साय म्हनू नही
जिची माया गेली सरी तिले माय म्हनू नही
इमानाले इसरला त्याले नेक म्हनू नही
जल्मदात्याले भोवला त्याले लेक म्हनू नही
ज्याच्यामधी नही भाव त्याले भक्ती म्हनू नही
ज्याच्यामधी नाही चेव त्याले शक्ती म्हनू नही
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