बघु नको मजकडे
बघु नको मजकडे केविलवाणा, राजसबाळा ॥
ये देवा । अपुली ना करुणा ।
तोवरी समजुनी । वर्ते अनुकाला ॥
ये देवा । अपुली ना करुणा ।
तोवरी समजुनी । वर्ते अनुकाला ॥
गीत | - | वि. सी. गुर्जर |
संगीत | - | गंधर्व नाटक मंडळी, बाई सुंदराबाई |
स्वर | - | बालगंधर्व |
नाटक | - | एकच प्याला |
राग | - | कालिंगडा |
ताल | - | दीपचंदी |
चाल | - | छुपनापे रंग |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
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