अनामिक नाद उठे गगनी
अनामिक नाद उठे गगनी
येते का कुणी खाली उतरुनी, उजळाया अवनी?
दैव येई की येती भगवान
शाप येई की येते वरदान
अंधारावर सुवर्णरेखा लखलखते भुवनी
येते का कुणी खाली उतरुनी, उजळाया अवनी?
दैव येई की येती भगवान
शाप येई की येते वरदान
अंधारावर सुवर्णरेखा लखलखते भुवनी
गीत | - | ग. दि. माडगूळकर |
संगीत | - | पं. वसंतराव देशपांडे |
स्वर | - | सुमती टिकेकर |
नाटक | - | वरदान |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
अवनि | - | पृथ्वी. |
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