आनंदें नटती
आनंदें नटती । पाहुनि ज्या गृहमयूरपंक्ती ॥
गमनोत्सुक हे हंस असुनियां ।
धैर्य नसे या गमन कराया ।
कामुकगगनासम रोधाया । मेघ पहा फिरती ॥
गमनोत्सुक हे हंस असुनियां ।
धैर्य नसे या गमन कराया ।
कामुकगगनासम रोधाया । मेघ पहा फिरती ॥
गीत | - | गो. ब. देवल |
संगीत | - | गो. ब. देवल |
स्वराविष्कार | - | ∙ छोटा गंधर्व ∙ श्रीपादराव नेवरेकर ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
नाटक | - | मृच्छकटिक |
राग | - | गौड मल्हार |
ताल | - | त्रिताल |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.