आज पहाटे उमले स्वप्न
आज पहाटे उमले स्वप्न कांचनाचे,
थरथरले प्राणांतुन पुलक अमृताचे.
सरला तम, सरला तम सारा,
शुभसूचक उदित शुक्रतारा,
मुदित, स्नात लहरींवर शुभ्र फेन नाचे;
आज पहाटे उमले स्वप्न कांचनाचे.
थरथरले प्राणांतुन पुलक अमृताचे.
सरला तम, सरला तम सारा,
शुभसूचक उदित शुक्रतारा,
मुदित, स्नात लहरींवर शुभ्र फेन नाचे;
आज पहाटे उमले स्वप्न कांचनाचे.
गीत | - | मंगेश पाडगांवकर |
संगीत | - | यशवंत देव |
स्वर | - | केशवराव भोळे |
गीत प्रकार | - | भावगीत |
उदित | - | चढते. |
कांचन | - | सोने. |
तम | - | अंधकार. |
पुलक | - | रोमांच. |
फेन | - | फेस. |
मुदित | - | हर्षभरित, आनंदित. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.